वो स्त्री है,मुस्कराते रहना,
कुछ न कुछ दिल मे छुपा कर
आदत बना लेती है
मुस्कराने की वजह तलाश ही लेती है
मन खुश रहे ,बहाना ढूंढ लेती है
फूली हुई रोटी को देखकर,
दोबारा सब्जी की फरमाइश पर,
हाथों से लगाये, पौधों पर कली देखकर,
अकेले बैठी, प्रियतम की प्यारी सी झिडकी पर
उलाहना भी मिला था,उस रोज
उसको याद कर ,भूल जाने का जज्बा लिये
कैसे भी ,मुस्कराती है, ,वो उदास स्त्री ,
हर दायरे को लाघंकर ,बस मन पक्का कर
जी लेती है ,सकून से,मुस्कराकर ,ये जिदंगी
दो आंगन की खुशियाँ बनती ,ये स्त्री
मेघा
8/3/2022
Happy women's day
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