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04 May, 2021

कोरोना को मुझसे मोहब्बत हो गई my quarantine time story

 कोरोना को मुझसे मोहब्बत हो गई


मेरी एक दीदी ने facbook पर ये tagline पोस्ट की थी। मुझे बड़ी interesting लगी,तो मैंने भी इसे अपनी इस पहली पोस्ट की headline bana ली।

हां सच में कोरोना को मुझसे मोहब्बत हो गई ,पर एकतरफा और एकतरफा मोहब्बत खतरनाक भी होती है या फिर उदासीन हो जाती है समय के साथ। अब बात कोरोना की है तो इसकी मोहब्बत तब तक खतरनाक है ,जब तक आप इससे निपटने के लिए उदासीन है।

कहां से इस कोरोना से सामना हुआ , कहा से ये गले पड़ा ये तो हम सभी के लिए प्रश्नवाचक है और रहेगा हमेशा। जब इसको नाम मोहब्बत दे ही दिया तो ये जगतमान्य है की मोहब्बत अंधी होती है तो ये कोरोना भी आंखे मूद. कर गले पड़ गया ,पर न तो मुझे इससे मोहब्बत थी ,और न ही में अंधी थी, तुरंत ही सतर्क हो गई। न कोई बदलाब,न कोई चिन्ह,न कोई निशानी, न बुखार,न स्वाद का जाना ,न गंध का जाना कुछ भी परिवर्तन नहीं पर हां गले पड़ा था तो हल्की हरारत हो ही गई थी । बस फिर क्या था खुद को किया कमरे में कैद और कहा चल भई कोरोना तुम और में ही निपट लेते है एक दूसरे से ,घरवालों को क्यू परेशान करे । पर ये तो मेरा भ्रम ही था की घरवाले परेशान नही होंगे ,होंगे ही आखिर घर वाले है किसी और के संग कमरे में बंद हो जाओ और ये लोग परेशान न होवे मुमकिन ही नहीं 😂 ।दिल से दिल के तार जुड़े होते है ,इधर में बंद ,उधर फोन पे फोन चालू ..चिंता ,भय ,परेशानी से सब परेशान ।सलाह ,खयाल रखना ,उपदेश ,हंसना हंसाना सब चालू । खयाल रखने का बीड़ा उठा लिया घरवालों ने ,सच में प्यारा परिवार न हो तो आप जीवन में कुछ नही कर सकते ।परिवार का साथ हो तो बड़े से बड़े तूफान ,दुख ,परेशानी से पार पा सकते है ।

खयाल रखने में सबसे ज्यादा सासु मां और देवरानीयो का धन्यवाद क्या स्वाद वाला खाना खिलाया और वो भी समय पर ।  बेटे की सेवा से मन में घमंड आ गया की कितना अच्छा बेटा है मेरा ,हां वजन कुछ कम हो गया है उसपर ये कहना कोई नही जिम नही जा सकता तो ऐसे ही फिट हो गया ।

क्या किया quarantine होकर ,किसी के मन में सवाल नहीं होगा या नहीं पता नही पर बता ही देती हूं। लिखना चालू भी तो इसलिए किया की शेयर करु अपनी कोरोना वाली जबरन की मोहब्बत 😂

16 से कमरा बंदी और 30तक का लक्ष्य पर ऐसी परीसिस्थी बनी की आज 3 तारीख तक भी बंद हूं । पतिप्रेम वश ऐसा कर रही हूं । वो डायबिटीज से प्रेम कर बैठे है ना इसलिए उनसे दूरी भली फिलहाल 😰और  तीन दिन से जुकाम ने पकड़ लिया है जैसे की कोरॉना ने पीछे लगा दिया इसको की इसने मुझे से पीछा छूडा लिया लेकिन तू इसको परेशान कर ।ठीक है जुकाम भई टीम भी आजमा  लो मुझको।

एक्सरसाइज, योगा, दवाइयां,भाप, गरारे ,यही तक खुद को सीमित नही किया था और भी बहुत कुछ किया था बंद कमरे में ,कमरे में अकेले बंद होना भयाभय लगता है ना पर ऐसा नहीं है अपने को busy रखकर खुश रहना  अपने हाथ में है .....क्या क्या किया मैने ,चलो बताती हूं ,एक सबसे बड़ा सहारा फोन था ।उससे अपना ऑनलाइन काम करना,यूट्यूब पर देखना सुनना,बातें करना ,चैट करना,बुक्स पड़ना , चिंतन मनन करना ,साथ ही पॉजिटिव रहना (कोरोना वाला नही 😂उसकी तो खटिया खड़ी कर दी ।) सोच पॉजिटिव रखना *


चिंतन मनन भारी शब्द लग रहे होंगे ना आप लोगो को पर सच में यूट्यूब की धार्मिक क्लासेज सुनने के बाद शांति से सोचने पर बहुत अच्छे विचार आते है हां ये बात अलग है quarantine होने पर ही अकेले में ऐसे विचार आए । सुन कर  लगता था में आत्मा हूं ,आत्मा कभी मरता नही,जो हो रहा शरीर में हो रहा है ,ये शरीर यही रह जायेगा इसलिए मेघा तुम टेंशन मत करो ऐसे सोच कर बहुत पोजिटिव रही पर जब जरा सी तकलीफ हुई  बुखार २दिन, १०३ तक हुआ, तो ये सब ज्ञान धरा रह गया आंखों से आंसू गिरने लगते ,सबकी याद आने लगती ,क्या करे *संसारी प्राणी बिरले भाव धरे मन में , सो में भी संसारी रे*

सबकी हिदायत आती आराम करना ज्यादा से ज्यादा,अब  कमराबंदी में रहते हुए कोई कितना सोए ,कितना आराम करे ,हां मैं खूब सोई, बेसुध दवाइयों के असर से ,जब उठती तो लगता कितना समय बेकार चला गया,कब तक रहूंगी यहां ... फिर बालकनी के पौधों को देख लगता इनमे कितना पेशेंस है कैसे एक ही जगह खड़े है , पर फिर भी बड़ रहे है ,उनकी देखवाल की और समय निकाला ।

एक विशेष बात और इस quarantine में हुई ,एक कबूतर का जोड़ा बालकनी के खाली गमले में घोंसला बना चुका था ,कबूतर उड़ उड़ के जाता रहता था ,कबूतरी वही बैठी रहती में सोचती कितनी आलसी है कबूतरी,पर नही वो तो अंडा दे चुकी थी और उस पर बैठती थी ,मेरे बाहर निकलते ही उड़ जाती ,में बोलती मत डरो पर नहीं सुनती ।तीन दिन बाद दो अंडे हो गए ।धीरे धीरे उसका डरना कम हुआ । मैं उससे खूब बतियाती क्या नाम रखोगी बच्चों का बताओ मुझे , तुमने आज क्या खाया ,तुम्हारा पति कहा गया , किसी और कबूतरी के साथ तो नही गया जरा ध्यान रखा करो और भी बहुत सी बातें और वो टुकुर टुकुर देखती रहती गुटूर गुटूर बोलती रहती ।  एक दिन दूर एक कबुतर को देख मैने कहा देख तेरा पति किसी और के साथ है ,सच्ची टुकुर टुकुर देखा और उड़ गई जैसे उसे सबक सिखाने गई हो (उसको मुझ पर अब विश्वास हो गया था की में उसका नुकसान नही करूंगी) । मैं उसके अंडे देखती रही ,फिर वो वापिस आ गई और टुकुर टुकुर मुझे देखा गुटुर गुटुर बोली ,जैसे कह रही हो thank you देखभाल के लिए  । 

एक बात अच्छी हुई थी , कबूतर कबूतरी से बातें करने के कारण फोन का इस्तेमाल कम हो गया था और मन को अच्छा भी लगता था ।

एक दिन सवेरे सवेरे ५ बजे कबूतर और कोबे की आवाजे और पंखों की फड़फड़ सुनाई दी ।में बालकनी में गई तो देखा एक काफी बड़ा कोवा (मैने पहली बार देखा इतना बड़ा और एकदम काला) लड़ रहा था कबूतरी से ।मैने उसे भगा दिया ,वो काफी देर दूर बैठा रहा  में भी नहीं हटी वहा से ,फिर वो उड़ गया और वापस नही आया  पर मुझे चैन कहां था। मैं ७ बजे तक वही बैठी रही, जब कबूतरी अपने घोंसले से हटी तब देख एक ही अंडा था उसमें भी छेद था छोटा सा ।बहुत अफसोस हुआ की उसका एक अंडा ,कोवा खा गया और दूसरा अंडा  बिगड़ गया ,पर कबूतरी फिर भी उस अंडे पर बैठ कर उसे से रही थी ।बहुत खुशी हुई जब,दूसरे दिन एक छोटा सा बच्चा देखा ,कबूतरी और कबूतर दोनो चहक रहे थे  । अब मैंने वहा चादर से आड़ बना दी ।खुशी थी चलो एक जीवन पल्वित हो रहा ।यह खुशी बस एक ही दिन की थी ,दूसरे दिन वह बच्चा वहां नहीं था पर कबूतरी वही अपने घोंसले में बैठी थी ,उड़ाया तो उड़ी भी नहीं,उसको पता नही एहसास नही था या नासमझ  थी , वही बैठी रही दिन भर ,शायद अफसोस कर रही थी । फिर जैसे ही दाने खाने उड़ी मैने गमला पलट दिया की वो अपने शोक से बाहर तो आए ।मैने कहा कबूतरी जा उड़ जा ,नया जीवन शुरू कर अपना , यहां गम में बैठे रहने से कोई फायदा नही । मैं  भी कल से बाहर निकल जाऊंगी और नया जीवन शुरू करूंगी। इस quarantine में बहूत कुछ सोचा ,प्लान किया ,कुछ अच्छा सीखा,अच्छा पढ़ा,गलतियों का विश्लेषण किया ,उनको सुधारूंगी और भी जीवन को अच्छे से जीऊंगी। जीवन में बहुत कविताएं,छोटे लेख , छोटी छोटी कहानियां लिखी है ,किसी को ज्यादा पता नही ,कुछ लोगो को पता है ।ये मैने पहली बार आपबीती कमराबंदी 😂 quarantine life के बारे में लिखा है । इसको में पोस्ट करूंगी या नही ,पता नही ,मेरा स्वभाव कभी मुखर ,कभी संकोची रहता है ।तो जब जैसा होगा वैसा इस लेख का भविष्य होगा ।सबको यही सलाह है घर में रहे,खुश रहे और अगर कोरोना को गलती से तुमसे मोहब्बत हो जाए 😂तो इस एक तरफा मोहब्बत को अपनी आत्म शक्ति से ,अच्छे से डॉक्टर के treatment लेकर,इसको सबक सिखा के इससे पीछा छुड़ा लेना 🙏