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01 June, 2022

रुकना नही

 मेरी प्यारी साहसी बहन के लिए जिसने हमसफर के जाने के बाद भी हिम्मत नही हारी


प्रिय बहन,

तुम्हारी शादी की 26वी साल की बधाई ,तुम बहुत साहसी हो

कुछ पंक्तियां तुम्हारे लिये



यादें कभी मिटती नही मन से

मिटेगी क्या- धूमिल भी कभी होती नहीं

नन्ही कोंपले,मां के आंचल से निकल

पापा की अथाह छत्रछाया से निकल

अलग ही आंगन मे रौप दी जाती

देहरी से पार,भेज दी जाती, अकेली, 

पर उनका अपना ,आत्मबल, आत्म विश्वास

 सम्पूर्ण सार्थक वजूद साथ रहता है उम्र भर

फिर चाहे,कोई साथ दे न दे, न हो संग हमसफर

न कोई चमक,न कोई दमक,बस शून्य

शून्य से पार ,खुद का सफर कायम रखकर

अपनी नये अकुंरित बीजों, कोंपलो को

अपनी छाया तले,सींचती, संजोती है वो 

और बना लेती हैं, विशाल वृक्ष ,आसपास, प्यार-जतन से

अब वे उपकार चुकाने, तुम्हें सहेजने छाया देगे,फल देगें

उस छाया मे विश्राम करना, कुछ पल

जेहन मे रखना, अपना,आत्मबल और वजूद

तुम तुम्हारे वजूद से हो,बढती रहना,

रुकना नही, हमसफर खुद की खुद ही बनना

रुकना नही, हमसफर खुद की खुद ही बनना

मेघाममता

27/5/2022

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