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01 June, 2022

कश्मीर फाइल्स

 रोती रही ,वो कश्यप की धरती

विलखती रही वो दैविक वादी

मिट गये उस मिट्टी के वंशज

खत्म हो गए पौराणिक महत्व

चीर दिया सबका सीना

क्या नारी,क्या धरती माता

जीने को परिवर्तित हो गए

अपनी जडों से जुदा हो गये

इक जन्नत की चाह मे मानव

बना गये जहन्नुम वो दानव

रो लिये बहुत ,अपने बंधू वाधंव

अब कर दो, उनको पुनर्स्थापित

फिर से ,जीये,हमारे वो सारे पूर्वज

जो जीते जी ,जी न पाये थे तब

भर जायेगी, गोद कश्मीर की

खिल जायेगी, ये ,स्वर्ग की वादी


मेघा जैन

3/4/22

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