मेरे हमदम,वो दिन तुम्हें याद होगा
जब नजरे हमारी मिली थी
बातों का दौर,तो जमाने को नापसंद था
हम तुम अजनबी ,और मन बैचैन था
बंध गये थे, अटूट बंधन मे ,इस दिन
जमाना सारा साक्षी , मैं और तुम -बन गए *हम*
खामोशी से, इक ही रास्ते पर चल दिये
अरमानों को मन में संजोकर, इक नयी जिंदगी के लिये
कुछ तुमनें कहा, कुछ मैंने कहा
हर.रोज जीवन मे कुछ नया सा लगा
इस सफर में ,तेरा मेरा साथ सुहाना रहा
मंजिल अंतहीन ,पर तुमने रास्ता आसान किया
जीवन में हर पल , तुम्हारा साथ रहेगा
तुम्हारी मुस्कान और प्रेम से घर आबाद रहेगा
मुबारक हो हमको ,शादी की स्वर्णिम सालगिरह
दुआ है , ये साथ जिंदगी भर रहेगा
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